हर दिन शिकायतें, एफआईआर गिनती के मामलों में
केस पहुंच रहे हैं। लेकिन पुलिस पीड़ितों को सायबर सेल (क्राइम ब्रांच) भेज रही है। जहां पीड़ितों से पूर्व में प्रिंट आवेदन पत्र भरवाकर जमा किया जा रहा है। पुलिस ज्यादातर केस में 1930 में पीड़ितों की शिकायत को दर्ज करवा रही है। थानों में अपराध दर्ज केवल गिनाती के ही प्रकरणों में किया जा रहा है। अनुमान है कि हर महीने सौ से ज्यादा लोग केवल रायपुर में ही ठगी के शिकार होकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं। जबकि एफआईआर केवल 8-10 मामलों में ही की जा रही
आईजी और एसएसपी की फटकार के बाद थानों में सायबर फ्रॉड के 7 मामले दर्ज 30 फीसदी से ज्यादा लाभदिलाने का दिया था झांसा रायपुर में ही साइबर ठगी के हर महीने सौ से ज्यादा केस हो रहे
क्रिप्टो करेंसों की ट्रेडिंग में 30 फीसदी से ज्यादा लाभ दिलाने का झांसा देकर ठगों ने दो करोड़ रुपए ऑनलाइन ट्रॉसफर करा लिये। नवंबर में ठगों ने कारोबारी से संपर्क किया और लगातार रकम ट्रांसफर कराते रहे। कारोबारी से यूपीआई और आरटीजीएस के जरिये रकम ट्रांसफर कराई गई। जब जमा रकम वापस मांगी गई तो ठगों ने ग्रुप ही डिलीट कर दिया। रायपुर जोन के सायबर थाने ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि आईजी अमरेश मिश्रा एवं एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह द्वारा तीन दिनों पहले ली गई समीक्षा बैठक में सायबर ठगी के लंबित प्रकरणों को देखकर थानेदारों और सुपरविजन अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई गई थी। इसके बाद दो दिनों में ही तीन करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी के सात प्रकरण अलग-अलग धानों में दर्ज किये गए हैं। आधा दर्जन मोबाइल नंबरों से ठग करते रहे कॉल दो करोड़ रुपए की ठगी की रिपोर्ट शांतिनगर निवासी कारोबारी सुशील अग्रवाल ने लिखाई है। नवंबर में ठगों ने उन्हें कॉल करके शेयर व क्रिप्टो करेंसी में निवेश के बारे में बताया। इसके बाद उन्हें एक ग्रुप से जोड़ा गया। उनके पास आधा दर्जन मोबाइल फोन नंबरों से फोनकॉल्स आते रहे। तीस फीसदी मुनाफा दिलाने का आश्वासन देकर उनसे रकम ट्रांजेक्शन कराया जाता रहा। उनके निवेश की राशि ग्रुप के एकाउंट में करोड़ों रुपए में दिखती रही। जब कारोबारी ने रकम वापस लेने का प्रयास किया तो ठगों ने ग्रुप ही डिलीट कर दिया। इस प्रकरण में सायबर थाने द्वारा जांच की जा रही है। आशंका है कि दिल्ली, महाराष्ट्र में बैठे ठगों ने उन्हें अपना शिकार बनाया है। इसी तरह उरला में खेमचंद पटेल 27 वर्ष निवासी जागृति नगर बीरगांव ने 12 लाख 94 हजार 7 सौ की धोखाधड़ी की रिपोर्ट लिखाई है। कबीरनगर पुलिस ने भी हर्षित लैंडमार्क निवासी सुमीत कुमार शुक्ला नामक ट्रांसपोर्टर की रिपोर्ट पर धारा 318 के तहत केस दर्ज किया है। ठगों ने ट्रांसपोर्टर के साथ 46 लाख रुपए की ठगी की है। उनसे भी शेयर ट्रेडिंग के नाम पर रकम ट्रांसफर करा लिया गया है।
रिटायर्ड आर्मी मैन, गृहिणी को भी बना चुके शिकार
नवा रायपुर में रहने वाले एक रिटायर्ड आमी मैन अशोक कुमार कर्ष ने भी 14 लाख की सायबर ठगी की शिकायत राखी थाने में की है। उन्हें एटीएम कार्ड का डेटा लेने के नाम पर लिंक भेजकर एप्लीकेशन डाउनलोड कराया गया और फिर मोबाइल फोन हैक करके रकम ऑनलाइन पार कर दी गई। मोवा पंडरी थाना क्षेत्र की गृहिणी आरती पाठक को टास्क पूरा करने पर घर बैठे कमाई का झांसा देकर ढाई लाख की ठगी की गई। इसी तरह डीडी नगर सेक्टर चार निवासी डॉ. रामेश्वरी सोनवानी 40 वर्ष को कथित तौर पर केरल की एक युवती ने शेयर ट्रेडिंग में ज्यादा प्रॉफिट दिलाने का झांसा देकर करीब 20 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए। यह मामला डीडी नगर थाने में दर्ज किया गया है। आमानाका थाने में भी छह लाख की ठगी का एक मामला दर्ज किया गया है। पार्थिव पेसिफिक टाटीबंध निवासी कारोबारी सौरव अग्रवाल को ठगों ने कार शो रूम की एजेंसी दिलाने का झांसा देकर रकम ट्रांसफर करा ली।